जनजातीय सुरक्षा मंच, झारखंड के द्वारा प्रकृति के पूजन के महापर्व सरहुल के पावन अवसर पर रांची विश्वविद्यालय, गेट के पास स्वागत सह सांस्कृतिक सेवा शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें जनजाति सुरक्षा मंच के मुख्य पाहन विमल पाहन के द्वारा सभी युवा-युवतीयों माताओं, बहनों, भाइयों को शखुआ फुल खोंशकर, अबीर गुलाल एवं पूजीत सिंदूर का तिलक लगाया गया। शोभा यात्रा में विभिन्न टोलियों, मुहल्लों और गांवों के सभी पाहनों का मेघा उरांव ने चरण धोकर आशीर्वाद प्राप्त किया। चना, गुड़, शरबत और पानी का वितरण किया गया।

आज इस शोभा यात्रा में सरहुल के अवसर पर के राष्ट्रीय जनजाति आयोग की सदस्य डॉ आशा लकड़ा ने पहुंची और सम्बोधित करते हुए लोगों को प्रकृति के प्रति लगाव का बखान करते हुए कहा कि हम जीवन के हर पग पर प्रकृति से जुड़े रहते हैं। पर्व त्यौहार, रीति-रिवाज, हर संस्कार में प्रकृति की आवश्यकता होती है। आज जरूरत है इसके संरक्षण और संवर्धन की। हम सब पर धरती माता, सरना माता, महादेव और सभी का आशीर्वाद सदैव बना रहे। सभी एकजुट होकर, मिलकर रहें, पूरे शांति और सौहार्द से त्योहार मनाएं।

आज इस आयोजन में क्षेत्रीय संयोजक संदिप उरांव, मेघा उरांव, सोमा उरांव, सन्नी उरांव, विमल पाहन, अर्जुन राम, तुलसी गुप्ता , जयवंत्री उरांव, पिंकी खोया, हिन्दुआ उरांव, परना उरांव, सज्जन सर्राफ, पृथ्वीराज मुखर्जी, डॉ अटल पाण्डेय, अवधेश ठाकुर, वैभव पाण्डेय एवं बहुत से कार्यकर्ताओं ने मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया।
