59 वर्षीय को अचानक बेहोशी हुई। उनके परिजनों ने उन्हें राँची स्थित पारस एचईसी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया। पारस एचईसी अस्पताल के Cardiologist डॉ कुंवर अभिषेक आर्य ने मरीज़ की जाँच में पाया कि मरीज़ के हृदय में कंडक्शन ब्लॉकेज है जिसके लिये पेसमेकर की आवश्यकता है।
डॉ अभिषेक ने मरीज़ के परिजनों को प्राकृतिक ( लेफ्ट बंडल पेसिंग) बनाम ग़ैर-प्राकृतिक पेसिंग के बारे में बताया और उन्हें दोनों विकल्पों में से एक को चुनने की सलाह दी। मरीज़ के परिजनों ने डॉ अभिषेक आर्य की सलाह के अनुसार प्राकृतिक पेसिंग का विकल्प चुना और रज़ामंदी दी।
पारस एचईसी अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अभिषेक आर्य का कहना है कि वर्तमान समय में लेफ्ट बंडल पेसिंग हृदय के लिए पेसिंग का सबसे उन्नत तकनीक होने के साथ-साथ किफ़ायती और मरीज़ के लिए लाभदायक है। सामान्य पेसमेकर के साथ कई समस्या देखी गई है जैसे- गति प्रेरित कार्डियोमापैथी, दिल की विफलता के कारण अस्पताल में भर्ती होना,एएफ, एवी और वीवी डिससिंक्रोनी की घटनाओं में वृद्धि आदि, लेकिन प्राकृतिक पेसिंग के साथ ऐसी कोई भी समस्या नहीं होती है।
पारस अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश का कहना है कि आजकल दिल की बीमारी की समस्या बढ़ गई है। आहार में शुद्धता की कमी और प्रदूषित वातावरण के कारण ज़्यादातर लोग हृदय रोग का शिकार हो रहे हैं। पारस अस्पताल परिवार हृदय रोगियों के लिए उन्नत तकनीक के माध्यम से किफ़ायती इलाज की सुविधा दे रही है। अब पेसमेकर के लिए लोगों को बाहर जाने की ज़रूरत नहीं होगी।