“करम पूर्व संध्या” का उद्देश्य पूर्वजों से प्राप्त धरोहर संस्कृतिक को बचाना हम सभी का दायित्व-अजय कच्छप

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राँची: (पिस्का-नगड़ी)चेटे-पंचायत के ऐतिहासिक 22पडहा शक्ति खुटा सांगा पड़हा जतरा स्थल में बडे धुुमधाम से “करम पूर्व संध्या सह करम मिलन समारोह” का आयोजन “आदिवासी सेना” और ऐतिहासिक 22 पडहा चेटे के संयुक्त तत्वावधान में समिति के “मुख्य संरक्षक” सह आदिवासी सेना(केंद्रीयअध्यक्ष) अजय कच्छप के नेतृत्व में आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में राँची जिला के नगड़ी प्रखण्ड़ नामकुम,ओरमांझी,अनगड़ा,रातू,माण्डर प्रखण्ड़ और खुँटी जिला के कर्रा प्रखण्ड़ क्षेत्र के लगभग सैकड़ो गाँव के खोड़हा दल नगड़ी,चेटे में आयोजित “करम पूर्व संध्या सह करम मिलन समारोह” कार्यक्रम में बडे ही धुुमधाम से शामिल हुए। सभी खोड़हा दलों को पुरस्कार के रुप में कार्यक्रम आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक सह आदिवासी सेना-केन्द्रीय अध्यक्ष- अजय कच्छप ने खोड़हा दलों को पुरस्कार सह सम्मान के रुप में मांदर भेट देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता के रुप में उपस्थित समिति के मुख्य संरक्षक सह आदिवासी सेना-केन्द्रीय अध्यक्ष-अजय कच्छप ने अपने संबोधन में कहा कि में करम पूर्व संध्या मनाने का उद्देश्य करम पर्व हम आदिवासियों का पहचान,धर्म,संस्कृति,जल,जंगल,जमीन से जुडा हुआ प्रमुख पर्व में से करम पर्व एक है।

उन्होंने कहा कि यह करम पर्व हमें पूर्वजो से मिला हुआ एक धरोहर है। जिससे सजा कर रखना हम सभी का जिम्मेवारी है। लेकिन वर्तमान आधुनिक युग में डिजे करण होने से हम सभी आदिवासी अपने संस्कृतिक-सभ्यता को भूलते जा रहे हैं इस बात पर चिंतन-मंथन कर आज “करम पूर्व संध्या सह करम मिलन समारोह” का आयोजन किया गया जिसके माध्यम से आज के युवा पीढ़ी के लोगों को पूर्ण रुप से एक बार अपने धर्म संस्कृतिक-सभ्यता,रीति-रिवाज को जानने का अवसर प्राप्त होगा।

हमारे पूर्वजो ने करम पर्व को भाई-बहन का अटूट रिस्ता वाला पर्व बताया है की भादो का महीना में शानदार हरियाली लहलहाता खेत देखकर भाई-बहन के मन खुशी भर जाता है अपना इसी खुःशी को इजहार करने का त्योहार के रुप में भी करम मनाया जाता है।

कार्यक्रम में मुख्य रुप से उपस्थित रातूगढ के राजा परिवार के वंशज डाॅ०विनय प्रताप नाथ साहदेव शामिल हुए एवं अपने संबोधन में कहा कि आदिवासी सेना और ऐतिहासिक 22पडहा शक्ति खुटा सांगा पडहा चेटे के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “करम पूर्व संध्या” कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए सबसे पहले आयोजन समिति का आभार व्यक्त किए और कार्यक्रम में उपस्थित सैकड़ो खोडहा देखा और भविष्य में भी इसी तरह संगठित रहकर अपने पारम्परिक पर्व-त्योहार,कला-सांस्कृतिक,एवं पूर्वजो से प्राप्त धरोहर को बचाए रखने के लिए कहा।

कार्यक्रम में उपस्थित समिति के संरक्षक सह स्थानीय जनप्रतिनिधि चेटे-पंचायत(मुखिया)रेणुबाला मिंज,पंचायत समिति-दुर्गी पूर्ति,अध्यक्ष-बहादुर मुण्डा

विशिष्ट अतिथि:- केन्द्रीय सरना समिति अध्यक्ष अजय तिर्की,आदिवासी सेना कार्यकारी अध्यक्ष सह विस्थापित नेता-राहुल उराँव,उपाध्यक्ष-चिलगु कच्छप,हमसचिव-एल्विन लकडा,मंशा बडाईक,अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद राँची जिला अध्यक्ष-कुंदरसी मुण्डा,महासचिव-कार्तिक लोहरा,बालालौंग मुखिया-शंकर तिर्की,पूर्व मुखिया सोदाग-गणेश तिग्गा,नामकुम महिलौंग मुखिया-संदीप लोहरा,बाडाम मुखिया-कृष्णा लोहरा,पूर्व मुखिया-राजू तिर्की(माण्डर),बजरंग लोहरा,करमदेव सिंह,जितराम बेदिया,किशन बुकूड़वार,संदीप उराँव, नीमा तिर्की,संदीप मुण्डा,सुमन लोहरा,कमल किशोर लिण्डा,झरीय उराँव,मानु तिग्गा,शैलेन्द्र मुण्डा,विश्वा तिर्की,जगरनाथ लोहरा,भौआ उराँव,सोमनाथ लिण्डा,आदिवासी सेना महिला मोर्चा-अध्यक्ष-कुमकुम केरकेटा,बेला किरण कच्छप,आशा कुमारी,किरण कच्छप,झीलमनी देवी,आशा देवी,पुनम कच्छप,सुखदास मुण्डा,राधामोहन लोहरा,विनोद लोहरा,मंगल मुण्डा,अशोक लोहरा,रामप्रसाद मुण्डा,संजय लोहरा,शिवचरण मुण्डा,बिरसा लोहरा व सैकड़ो खोड़हा दल शामिल हुए

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