आदिवासी छात्र संघ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया, कहा सरकार जल्द पूरा करे अपना आश्वासन ।

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आदिवासी छात्र संघ (ACS) ने झारखंड में 2 लाख से अधिक बैकलॉग पदों पर शीघ्र नियुक्ति की मांग को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया। यह विरोध प्रदर्शन केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उरांव के नेतृत्व में हुआ, जिसमें हजारों छात्रों और संगठन के पदाधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम आदिवासी कॉलेज छात्रावास करमटोली से जेल चौक तक मार्च कर पुतला दहन किया गया। कार्यक्रम का संरक्षण रामकिशोर भगत ने किया।

प्रदर्शन में वरिष्ठ पदाधिकारी एवं छात्र शामिल

इस मौके पर केंद्रीय मीडिया प्रभारी सुमित उरांव, रांची विश्वविद्यालय (RU) अध्यक्ष मनोज उरांव, डीएसपीएमयू अध्यक्ष विवेक तिर्की, रांची जिला अध्यक्ष राजू उरांव, खूंटी कॉलेज अध्यक्ष भुवनेश्वर मुंडा, प्रदीप उरांव, अमित तिग्गा, मंगल उरांव, महादेव उरांव, आनंद, मोनू , प्रदीप उरांव सहित हजारों छात्र मौजूद रहे। सभी ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और बैकलॉग भर्ती की मांग को दोहराया।

सरकार जल्द पूरा करे अपना वादा

मार्च 2022 में आदिवासी छात्र संघ ने विधानसभा का घेराव किया था, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2022-23 में सभी बैकलॉग पदों पर नियुक्ति करने का आश्वासन दिया था। लेकिन तीन साल बीतने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। संगठन ने सरकार से मांग की है कि वह जल्द से जल्द अपना वादा पूरा करे और बैकलॉग पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करे।

सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम

आदिवासी छात्र संघ ने सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी है कि यदि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक सप्ताह के भीतर छात्रों और संगठन के पदाधिकारियों से वार्ता नहीं करते, तो आदिवासी छात्र संघ सीएम हाउस का घेराव करेगा। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार सभी बैकलॉग पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं कर लेती।

आदिवासी युवाओं के भविष्य को लेकर चिंता

संघ के नेताओं ने कहा कि झारखंड की पहचान आदिवासी समाज से जुड़ी हुई है, लेकिन शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में सरकार की अनदेखी के कारण आदिवासी युवा पिछड़ते जा रहे हैं। उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो यह आंदोलन और तेज किया जाएगा।

शांतिपूर्ण प्रदर्शन, लेकिन कड़ा संदेश

प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में छात्र एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस बल की तैनाती के बावजूद कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। हालांकि, संगठन ने सरकार को स्पष्ट कर दिया कि यदि उनकी मांगों को अनदेखा किया गया, तो यह आंदोलन और बड़ा होगा।

आदिवासी छात्रा संघ की प्रमुख मांगें

  • बैकलॉग पदों पर शीघ्र नियुक्ति – झारखंड में 2 लाख से अधिक बैकलॉग पद खाली हैं, जिन्हें जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए।
  • सरकार के आश्वासनों पर अमल – 2022 में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन को पुरा करना होगा।
  • नौकरी प्रक्रिया में पारदर्शिता – बैकलॉग पदों की भर्ती प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाया जाए।
  • युवाओं को रोजगार के अवसर – बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकार ठोस कदम उठाए।

आदिवासी छात्र संघ की चेतावनी

संगठन ने दोहराया कि अगर सरकार इस बार भी अपनी वादाखिलाफी जारी रखती है, तो आदिवासी छात्र संघ बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। जरूरत पड़ने पर राज्यव्यापी प्रदर्शन किए जाएंगे और सरकार को जवाबदेह बनाया जाएगा।

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