वर्तमान मानदेय पर हो 4% की वृद्धि,नहीं तो टेट पास संघर्ष मोर्चा। सड़क से सदन तक करेगा आंदोलन-संजय मेहता।

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झारखंड सरकार तथा शिक्षा सचिव एवं परियोजना निदेशक के गलत मनोवृत्ति के कारण सहायक अध्यापक आन्दोलन करने को मजबुर। झारखंड के समस्त 62000 सहायक अध्यापकों का कोई मूल मानदेय निर्धारित नहीं है। सरकार समय -समय पर मानदेय बढ़ोतरी करती आई है। वर्तमान मानदेय ही हमारी मूल मानदेय है। अगर विभाग इस पर किसी तरह का छेड़ छाड़ करती है तो सरकार तथा शिक्षा सचिव एवं परियोजना निदेशक का विरोध सड़क से सदन तक किया जाएगा।

जबकि सहायक अध्यापक के नियमावली में साफ तौर पर लिखा हुआ है की सहायक अध्यापकों का प्रतिवर्ष 4% के दर से मानदेय में बढ़ोतरी की जाएगी। साथ ही साथ राज्य परियोजना कार्यालय रांची के द्वारा राज्य के 62000 सहायक अध्यापकों को जनवरी 2023 से मिल रहे मानदेय का 4% बढ़ाकर दी है इसके बाद भी जनवरी 2024 से  भी 62000 सहायक अध्यापकों का मिल रहे मानदेय का 4% बढ़ाकर जुलाई 2024 तक दिया गया है शिक्षा विभाग के पदाधिकारी के द्वारा षड्यंत्र के तहत सहायक अध्यापकों को मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है।

और  अगस्त 2024 के मानदेय से राज्य के सभी सहायक अध्यापकों का चार प्रतिशत (2024) का वृद्धि रोक दिया गया है जो सरासर गलत है जबकि सरकारी कर्मचारियों को वर्तमान में मिल रहे मूल वेतन के अनुरूप में वृद्धि की जाती है उपरोक्त बातें टेट पास सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के  झरी लाल महतो, प्रदेश महासचिव संजय मेहता, दशरथ ठाकुर, कैलाश मेहता, सज्जाद अंसारी, मनोज शर्मा,  नफीस अख्तर,  मुख्तार अंसारी, विरेनजय यादव, मजहर आलम,  सज्जाद अंसारी,  बिपुल दुबे, सरफ्रा़ज अनवर, रंजनी कांत पाण्डेय,ने संयुक्त रूप से बयान जारी किया। संघर्ष मोर्चा ने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग इस पर विचार कर वर्तमान मानदेय पर चार प्रतिशत की वृद्धि करके दे अन्यथा इसका विरोध झेलना मुश्किल हो जाएगा। और इसकी सारी जवाब दही शिक्षा विभाग की होगी।

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