केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय कार्यालय 13 आर आई टी बिल्डिंग कचहरी परिसर रांची में बैठक की गई इसकी अध्यक्षता केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने किया बैठक में धार्मिक सामाजिक संस्कृत विषय पर चर्चा किया गया।
केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि आज आदिवासियों की धार्मिक सामाजिक सांस्कृतिक हक अधिकार पर चौतरफा हमला किया जा रहा है ईसाई मिशनरी के द्वारा पहले ही प्राकृतिक पूजक आदिवासियों का हक अधिकार लुट रही है।
दूसरी और कुर्मी लोग आदिवासियों का हक अधिकार लूटने के लिए आदिवासी बनना चाह रहे हैं। तीसरी और आर एस एस, बीजेपी के लोग आदिवासियों को हिंदू बनने में लगे हैं। इधर प्राकृतिक पूजक आदिवासी अपनी धार्मिक पहचान सरना कोड की लड़ाई लड़ रहे हैं। मूल आदिवासियों को समझ नहीं आ रहा है कि बच्चे तो बच्चें कैसे एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई।
केंद्रीय सरना समिति हमेशा से आदिवासी हक अधिकार की लड़ाई लड़ रही है परंतु समाज के लोग कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है केंद्रीय सरना समिति समाज को जगाने के लिए प्रत्येक गांव में जागरूकता अभियान चलाएगी एवं गांव गांव जाकर अखाड़ा में नगाड़ा बजा बजाकर समाज को जगाने का काम करेगी ताकि समाज के लोग जागरुक हो सके और समाज को बचाने के लिए लड़ाई में साथ दे सके।
बैठक में 25 जनवरी को घोषित सरना कोड महारैली को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की तैयारी को लेकर मोराबादी मैदान उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण कार्यक्रम स्थगित किया गया एवं निर्णय लिया गया कि आदिवासी सेंगेल अभियान सालखन मुर्मू के द्वारा घोषित सरना कोड की मांग को लेकर दिनांक 7 अप्रैल का रेल रोड चक्का जाम का समर्थन किया जाएगा।
मौके पर केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की ,
सत्यनारायण लकड़ा ,बाना मुण्डा सोहन कच्छप, सन्तोष उरांव, अरविंद उरांव, जयराम किस्पोट्टा, दीपक, निरज एवं अन्य शामिल थे ।