JTET सिलेबस में संशोधन की मांग पर ट्वीटर अभियान ,कई घंटो तक #Change _Jtet_Syllabus रहा ट्वीटर में ट्रेंड

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झारखंड राज्य के बीएड – डी.एल.एड अभ्यर्थियों द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ट्वीटर अभियान चलाया गया।राज्य स्तर पर इसका नेतृत्व छात्र प्रतिनिधि जीवन यादव , उमेश वर्मा,मो अरमान,जय कुमार,सोनू कुमार,अजहर आदि कर रहे थे। ट्वीटर अभियान में #Change_Jtet_Syllabus कई घंटो तक ट्रेंड करता रहा।हजारों छात्रों ने इस अभियान में भाग लिया।बताते चले कि 8 वर्ष बाद राज्य में झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा 2024 का आयोजन होने जा रहा है।इस संदर्भ में छात्र काफी उत्साह में थे।परंतु इस हेतु सिलेबस को काफी समय बाद जारी किया गया।पाठ्यक्रम जारी होने के साथ ही विवाद हो गया क्युकी पाठ्यक्रम को NCTE के नियमानुसार नहीं बनाया गया।कक्षा 1-5 व 6-8 के प्रश्नों के कठिनाई का स्तर बढ़ा दिया गया,पाठ्यक्रम को आईआईटी स्तर के सिलेबस से कॉपी पेस्ट कर दिया गया है।

छात्र प्रतिनिधि जीवन यादव ने कहा कि JTET की परीक्षा एक पात्रता परीक्षा महज है।इसमें छात्रों को अपने शिक्षण और विषय से संबंधित ज्ञान के आधार पर अपनी योग्यता को प्रमाणित करना होता है।JTET में सिर्फ पात्रता सत्यापित करनी होती है ना कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुसार मेधा।ऐसा नही कि छात्र पढ़ाई से पीछे हट रहे है।लेकिन जिस परीक्षा के लिए यह पाठ्यक्रम बनाया गया है।उसके अनुरूप नही है बल्कि पाठ्यक्रम JTET के संदर्भ में अव्यवहारिक व अप्रासंगिक है।हिंदी व अंग्रेजी भाषा के लिए भी सभी छात्रों को स्नातक स्तर के पाठयपुस्तको का अध्ययन करना होगा जिसकी पढ़ाई तीन वर्षो में कॉलेज में 3 वर्षीय स्नातक स्तर में करना होता है।क्षेत्रीय भाषा पाठ्यक्रम की जानकारी नहीं दी गई है।विज्ञान के छात्रों के पाठ्यक्रम को IIT स्तर पर तथा सामाजिक विज्ञान का पाठ्यक्रम सिविल सर्विस के स्तर का बनाया गया है।जबकि JTET पात्रता आधारित परीक्षा है ना की मेधा आधारित।

एक तो पाठ्यक्रम NCTE नियम के अनुरूप नही ,साथ ही परीक्षा के प्रत्येक खंड को भी पास करने की अनिवार्यता रखी गई है।जो भारत में किसी भी पात्रता परीक्षा में नहीं है।इसके पूर्व भी पाठ्यक्रम को सुधारने के लिए विभिन्न विभागों में मांग पत्र सौपा गया है।यदि अभी भी इसमें नियम अनुसार बदलाव नही होता है तो झारखंड के समस्त छात्र वृहत पैमाने पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

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