इंडियन एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) रांची शाखा द्वार कांके होली डे होम में आयोजित पैडिकॉन और ईस्ट जोन मिडटर्म सीएमई के दो दिवसीय कार्यशाला व कांफ्रेंस में देश व राज्य भर के 250 शिशु रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया और शिशु चिकित्सा क्षेत्र में आ रहे आधुनिकतम बदलावों पर अपने विचार रखंे। इस दौरान सभी शिशु रोग विशेषज्ञों को चिकित्सा के नवीनतम पद्धतियों से अवगत कराया गया। विशेषज्ञों ने आधुनिकतम चिकित्सा पद्धतियों से संबंधित अनुभवों को साझा किया। इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन रिम्स के अधीक्षक डॉ.हिरेंद्र बिरुआ ने किया। इस मौके पर रांची के वरिष्ट शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद जगनानी को उनके चिकित्सकीय योगदान के लिए लाइफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। वहीं डॉ श्याम सिडाना ने देशभर से आए शिशु रोग विशेषज्ञों का स्वागत किया । शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शंतानु देव ने बच्चों में होने वाली टीवी पर जानकारी देते हुए कहा कि पुराने जमाने में मनटूस टेस्ट होता था अब उसका कोई महत्व नही है। अब जिन एक्सपर्ट, एगरा जैसे एडवासं टेस्ट आ गए है जिससे इनको पकड़ना आसान हो गया है। वहीं डॉ हुंसी गिरी ने बच्चों में कब्ज की समस्या के बारे में जानकारी दी। डॉ नील रतन मजुमदार ने बच्चों के दिमागी विकास में होने वाले विकार के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। वहीं रविवार को दिल्ली एम्स के डॉ. सचित आनंद बच्चों के गुर्दे रोग के इलाज में आने वाले नवीनतम बदलावो पर व्याख्यान देंगे। इसके अलावा डॉ शंतानु भद्रा बच्चों के किशोर अवस्था में होने वाली बिमारी और मानसिक समस्या पर बात करेंगे।

इस कान्फ्रंेस के सफल आयोजन में शिशु रोग विशेषज्ञ सह ऑर्गनाइजिंग सेक्रेट्री (बालपन चिल्ड्रेन हॉस्पिटल) डॉ. राजेश कुमार ,डॉ प्रेम कुमार व डॉ अनिताभ कुमार को- ऑर्गनाइजिंग सेक्रेट्री,डॉ राजीव मिश्रा ,डॉ पी के गुप्ता ,डॉ अजीत सहाय ,डॉ शैलेश कुमार ,डॉ अमरदीप, डॉ एंथोनी ,डॉ नीलोत्पल,डॉ विनोद कुमार ,डॉ दीपक अपनी अहम भूमिका निभा रहे है। ऑर्गनाइजिंग टीम ने कहा कि इस तरह के आयोजन से बच्चों के बेहतर ईलाज में डॉक्टरों को काफी मदद मिलता है।