केंद्रीय सरना समिति एवं अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की बैठक केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय कार्यालय 13 आर आई टी बिल्डिंग कचहरी परिसर रांची में की गई।
बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय सरना समिति की केंद्रीय अध्यक्ष श्री फूलचंद तिर्की ने किया बैठक में आदिवासियों के धार्मिक सामाजिक विषयों पर चर्चा किया गया।

केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि आदिवासियों की परंपरा संस्कृति हक अधिकार पर चौतरफ़ा हमला किया जा रहा है कुर्मी समाज के लोग आदिवासियों का हक अधिकार को लूटने के लिए आदिवासी बनना चाह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आदिवासी बनने के लिए आदिवासी पैदा होना पड़ता है आदिवासी बना नहीं जाता आदिवासी रूढ़िवादी परंपरा संस्कृति को मानता है एवं प्रकृति के पुजारी हैं कुर्मी समाज के लोग मूर्ति पूजक हैं और वह हिंदू परंपरा संस्कृति को मानते हैं जन्म से लेकर मृत्यु तक पंडित के द्वारा कर्मकांड किया जाता है जबकि आदिवासी समाज में जन्म से लेकर मृत्यु तक पहान के द्वारा पूजा पाठ नेग नियम किया जाता है कुर्मी समाज हिंदू धर्म के अंदर चार वर्ण व्यवस्था में क्षुद्र में आते हैं।
कुर्मी नेता जबरदस्ती आदिवासी बनने के लिए रेल टेका सड़क जाम कर केंद्र सरकार में दबाव बना रही है आदिवासी समाज कुर्मी को कभी आदिवासी स्वीकार नहीं करेंगे आदिवासी समाज अपने हक अधिकार को लूटते हुए देख नहीं सकते प्राकृतिक पूजक आदिवासी पूरे देश में गोल बंद हो रहे हैं आदिवासी अपने हक अधिकार के लिए कुर्मी आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन की तैयारी कर रही है आदिवासी ईट का जवाब पत्थर से देंगे मौके पर केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के महासचिव बाना मुंडा संरक्षक भुनेश्वर लोहरा सचिव विनय उरांव दीपक जयसवाल नीरज कुमार, अधिवक्ता एस के मुखर्जी उपस्थित थे।