JSSC CGL परीक्षा से जुड़े पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड संदीप उर्फ शशिभूषण दीक्षित की जमानत पर हुई सुनवाई में एक और खुलासा हुआ है. संदीप दीक्षित की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने 30 जून को ख़ारिज कर दी थी.
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से उपस्थित विशेष लोक अभियोजक ने कोर्ट को यह जानकारी दी कि शशिभूषण दीक्षित को बेल मिलने से जांच प्रभावित हो सकती है और उसने अभ्यर्थियों से कुल तीस लाख रुपए की उगाही की है. इस उगाही की रकम को उसने अपने एक सहयोगी संतोष शुक्ला के अकाउंट में भी मंगाया है।

सफल अभ्यर्थियों से संतोष शुक्ला के अकाउंट में ही बड़ी रकम मंगाई गई है. इसके साथ ही सरकार की ओर से शशिभूषण दीक्षित की जमानत का पुरजोर विरोध करते हुए यह भी कहा गया कि अगर इसे बेल मिलती है, तो अन्य परीक्षाओं में भी यह पेपर लीक की कोशिश कर सकता है.
दरअसल अब तक हुई CID जांच में कई अहम और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. CID की जांच में यह बात सामने आई है कि पेपर लीक के मास्टरमाइंड शशिभूषण दीक्षित और अन्य आरोपियों के पास से बरामद हुए मोबाइल में 28 अभ्यर्थियों की लिस्ट, उनके परीक्षा का क्रमांक (रोल नंबर), परीक्षा केंद्र और एजेंट नाम लिखा हुआ पाया गया.
आरोपियों के मोबाइल से जो सूची बरामद हुई है, उसमें से 10 अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हुए हैं. पिछले वर्ष हुई JSSC CGL परीक्षा में गड़बड़ी की दो शिकायतें रांची पुलिस ने दर्ज की थी, जिसे CID ने टेकओवर करते हुए कांड संख्या 1/2025 और 2/2025 दर्ज की है.
इस केस में एजेंसी ने करीब एक दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल एजेंसी ने इस मामले में अपनी जांच जारी रखी है, वहीं दूसरी तरफ पेपर लीक की खबरों से असंतुष्ट छात्रों के एक बड़े समूह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है.