4 फरवरी को होने जा रहा है आदिवासी एकता महारैली रांची के मोरहाबादी मैदान…।

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भाजपा-आरएसएस की आदिवासी विरोधी नीतियां आदिवासी समुदाय को आपस में लड़ाने और आदिवासियों के संवैधानिक हक-अधिकारों को हाशिए में ले जाने का षडयंत्र के खिलाफ 4 फरवरी 2024 की आदिवासी एकता महारैली मोरहाबादी मैदान, रांची में आयोजित है। इस आदिवासी एकता महारैली की सफलता और शुभकामनाओं को लेकर आदिवासी समुदाय की परंपरागत पूजा पद्धति भेलवाफाड़ी पाहन बहादुर मुंडा के द्वारा मोरहाबादी मैदान स्थल में किया गया।

इस अवसर पर पाहन बहादुर मुंडा ने कहा कि आदिवासी परंपरा में यह अनुष्ठान सिर्फ आदिवासी समुदाय के लिए अपितु संपूर्ण मानवजाति और प्रकृति की सकुशलता की कामना के लिए होता है। इस मौके पर आदिवासी एकता महारैली आयोजन समिति के संयोजक लक्ष्मीनारायण मुंडा ने कहा कि इस महारैली में आदिवासी समुदाय के सभी जाति,धर्मों, सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया है, जो भाजपा- आरएसएस की ब्राह्मणवादी, सामंती मनुवादी विचारधारा के खिलाफ है। जो भाजपा आरएसएस की आदिवासी विरोधी नीतियां और आदिवासियों को आपस में लड़ाने के खिलाफ हैं। इस कार्यक्रम में . केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि। रैली ऐतिहासिक होगी और आदिवासी मुद्दों को जोर-शोर उठाया जाएगा।आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि आदिवासी यह रैली आदिवासियों की दशा और दिशा तय करेगा।केंद्रीय सरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि राज्य भर के आदिवासी इस महारैली में शामिल होंगे, इस मौके पर पाहन बहादुर मुंडा,शिवरतन मुंडा, सुनील होरो,संजय मुंडा आदि लोग मौजूद थे।

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