सिरसी- ता- नाले  को आदिवासी तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जाएगा: मंत्री चमरा लिंडा।

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इस अवसर पर खूंटी विधायक श्री राम सूर्य मुंडा ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो परंपराएं स्थापित की हैं, उन्हें संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। हमें अपने जंगल, पहाड़ और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों को सुरक्षित रखना होगा।



चक्रधरपुर विधायक श्री सुखराम उरांव ने इसे ऐतिहासिक आयोजन बताते हुए कहा कि सरकार धार्मिक स्थलों के माध्यम से ऐतिहासिक परंपराओं को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है। इस आयोजन से समाज अपनी संस्कृति से और अधिक जुड़ सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से अब लोग कंकड़ों लता के ऐतिहासिक महत्व को जान सकेंगे।



सिसई विधायक श्री जिग्गा सुसारन होरो ने कहा कि अगले वर्ष इस आयोजन को और भी भव्य रूप दिया जाएगा। उन्होंने उन श्रद्धालुओं की भी सराहना की जो उपवास करके लंबी दूरी तय कर इस पवित्र स्थल तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की शक्ति प्रकृति से जुड़ी हुई है और पर्वत एवं जंगल उनकी आस्था के प्रतीक हैं।

इस दौरान अन्य अतिथियों ने भी अपने विचार रखे और इस आयोजन को ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया। समारोह में हजारों श्रद्धालु एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे और इस आयोजन की सराहना की।

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